'कुल्हिया में हाथी'... एक विचार-जरा सोचिये, सृष्टि संवत --1972949125, कलियुगाब्द---5125, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा- विक्रमी संवत-2081
बुधवार, 1 नवंबर 2017
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इंसान एक खिलौना है ! ----------- इंसान एक खिलौना है, जिसे हंसना और रोना है। जिस राह पे वो जाए, उस राह सा होना है।। जीवन की ...
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कष्ट कष्ट नही जिनके जीवन में , वे भी कितने अभागे हैं। ऐसे दुःखों से क्या डरना, जो राह दिखाने वाले हैं।। द्वंद्व भाव में फंसे जो, मार्ग ...
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पंछी की दुनिया उल्लास भरे और भोर भए, चहचहाहट सी आवाजें करते हैं। पंखों की फडफ़ड़ाहट से, आसमां में खूब ...
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नवरात्र पर देवलोक गमन कर गए थे भगवान श्रीकृष्ण हमारे त्यौहार हमारी संस्कृति के परिचायक हैं। भारतवर्ष के ऋषि-मुनियों ने ऋतुओं के ...
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