मीटिंग न्यू ईयर
एक मीटिंग में आज हुआ यूं ऐसे,
सोचते रहे कि ये हुआ कैसे।
हम ताकते रहे एक दूसरे की ओर,
वो चले गए यूं घूरते सब ओर।।
उसने पूछा ये क्या हुआ,
साथी ने कहा गुस्से में है बोस।
तीसरे ने बोला क्या कहें जनाब,
हमने कहा ‘हैप्पी न्यू ईयर’ बोलो साहब।।
एक ने कहा तीन शब्दों का ये नारा,
लागत है सबको प्यारा।
बोलकर देखो ! खुश हो जाएं बोस,
‘हैप्पी न्यू ईयर’ बोलने में फिर कैसा संकोच।।
इसने बोला, उसने बोला, सबने बोला,
अब खेल हो गया न्यारा।
हर्ष का हुआ तब माहौल उधर,
जब बोला सबने ‘हैप्पी न्यू ईयर’।।
कृष्ण कुमार ‘आर्य’