Thursday, October 20, 2011

शुभ-कामनाएं

                                                                                         
                                      ‌ दिवाली की शुभ-कामनाएं
                                                                                                         
दीपोत्सव के अवसर पर, खुशियां मनानी रे।
शुभ कामनाएं हों आपको, आई दिवाली रे।।
दुःख मिटे सब आपणे, पर रोशनी लानी रे,
फूलों से करे क्रिड़ा, है रूह मुस्कानी रे,
अन्धेरों की राहे हमको, दीपों से सजानी रे,
पूर्ण होवे सब आशाएं, शुभ यह मनानी रे।
शुभ कामनाएं हों तुमको, आई दिवाली रे।।
वीर बहादूर बंदों ने भी, खूब मनाई दिवाली,
खुशियों के भी संग उन्होंने, दुखियां गले लगाली,
जीवन छोड़ दयानन्द ने, जग रोशन कर डाली,
विष का प्याला पीकर उसने, दी जन को खुशहाली।
शुभ कामनाएं हों सबको, आज दिवाली आली।।
लक्ष्मी पूजन करें सब, खाऐ हलवा पूरी,
घर की लक्ष्मी दुःखी होवे, क्यू खुशी मनाएं अधूरी,
बेटी-बेटा दोनों बैठे, रहे प्रेम की दूरी,
राम अयोध्या वापस आये, कर वन यात्रा पूरी।
शुभ कामनाएं हों सबको, है खुशी दिवाली जरूरी।।
धन बढ़े और बढ़े मुद्राएं, हर रोज हजारों में,
दिवा में दिनकर शशि रात में, जैसे रहे सितारों में,
चमके वैसे ही आप, दुनियों के बाजारों में,
सबसे आगे हों खड़े आप, लम्बी कतारों में।
शुभ कामनाएं हों आपको, ऐसे त्योहारों में॥
सूरज तपता दे खुशहाली, चांद रस बढाये,
जीवन पथ की शूल सभी, स्वतः खत्म हो जाए,
आशा भरी निगाहें तुम्हारी, खुशी हमेशा लाए,
धर्य और मेहनत से हमेशा, कष्ट आपके जाएं।
स्वीकार करो शुभकामनाएं हमारी, जब कृष्ण आर्य सुनाएं॥

कृष्ण कुमार ‘आर्य’


सूर्य की गति का द्योतक है उगादी

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