Wednesday, March 9, 2016

मोदी का जवाब-
       सफर में धूप तो होगी,
        तुम चल सको तो चलो।
राह में भीड़ तो बहुत होगी,
भीड़ से निकल सको तो चलो।।
        किसी के वास्ते राहें कहां बदलती हैं,
        तुम अपने आपको बदल सको तो चलो।
यहां किसी को कोई रास्ता नहीं देता,
मुझे गिराकर तुम संभल सको तो चलो।।
        यही है जिंदगी कुछ ख्वाब, चंद उम्मीदों की,
        इन्हीं ख्यालों में बयार ला सको तो तुम चलो।।     


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा 9 मार्च 2016 को राज्यसभा में दिये गये जवाब के दौरान प्रस्तुत कविता।


संकलनकर्ता-   कृष्ण कुमार ‘आर्य’

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